लीलादेवी हत्याकांड का चंद घंटो में पुलिस ने किया पर्दाफाश, 48 घंटे से कम समय में पुलिस के हाथे चढ़ा आरोपी पढ़े पूरी खबर..
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राहुल सिसोदिया की रिपोर्ट:–
नीमच। शुक्रवार रात करीब 09 बजे बंसल चौराहे के समीप एक मल्टी की तीसरी मंजिल पर 55 वर्षीय लीलादेवी पति गीरधारीलाल गोयल का गला रेत कर मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस तभी से आरोपी की शिनाख्त में जुटी थी। सीसीटीवी कैमरो के माध्यम से दो फुटेज पुलिस के हाथ लगे थे, जिसमें एक शख्स संदिग्ध दिखाई दे रहा था। मुंह पर कपड़ा बांधकर रात्रि में मल्टी में प्रवेश कर रहा था। पुलिस ने लीलादेवी हत्याकांड से उक्त शख्स पर शंका की और उसे बघाना के नाका नंबर 4 स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी ने अपना गुनाह कबूल करते हुए उसका नाम अर्जुन मीणा बताया वही लीलादेवी की हत्या कराना भी स्वीकार किया। आरोपी ने आगे बताया की वह करीब ढेड़ वर्ष पूर्व लीलादेवी के मकान में पूताई का कार्य करने गया था। उसे लीलादेवी के मकान के बारे में सबकुछ पता था। इसी कारण 6 माह पूर्व भी आरोपी लीलादेवी के सुने मकान में चोरी की नियत से गया था और उसी दौरान करीब 32 हजार रूपये की चोरी भी उसने की थी। आरोपी अर्जुन को यह भी पता था कि ज्सुबह के समय लीलादेवी का मकान सुना रहता है वह पूजा करने मंदिर जाती है। इसी का फायदा उठाकर चोरी की नियत से शुक्रवार सुबह भी अर्जुन लीलादेवी के मकान की रेकी करने गया था, लेकिन लीलादेवी उस दौरान अपने मकान पर ही मौजुद थी। सुबह से शाम तक अर्जुन ने लीलादेवी के मकान की रेकी की, लेकिन मौका नहीं मिलने पर अर्जुन ने बाजार से एक धारदार चाकू खरीदा और लीलादेवी को डरा-धमका कर चोरी करने की नियत से रात्रि 9 बजे उनके मकान में गया, लेकिन उस दौरान लीलादेवी अपने कमरे मौजुद थी। आरोपी अर्जुन ने जब लीलादेवी को चाक दिखाकर डराने धमकाने की कोशिश की तभी लीलादेवी चीखने-चिल्लाने लगी तो उसी दौरान आरोपी अर्जुन ने लीलादेवी पर चाकू से लगातार दो बार हमला किया। जिसमें लीलादेवी की गर्दन में गंभीर चोंटे आई और वही अपने कमरे में अचेत अवस्था में गिर गई। अर्जुन ने लीलादेवी के मकान से करीब 1 लाख 60 हजार रूपये की चोरी की। जिसके बाद अर्जुन मल्टी से बाहर आकर पैदल पैदल अपने एक मित्र के पास पहुंचा। जिसके पास पहले से ही अर्जुन की बाईक थी। पुलिस को गुमराह करने के लिए बाईक पर नम्बर प्लेट भी नही थी और शहर के विभिन्न अलग- अलग मार्गों से होते हुए अर्जुन अपने घर पहुंचा। इस पूरी घटना के दौरान अर्जुन का मोबाईल भी बंद था। जिससे पुलिस को घटना का खुलासा करने में और भी मशक्कते हुई।
केंट थाना प्रभारी पुष्पा चौहान ने आरोपी अर्जुन मीणा पर हत्या और लूट का मामला दर्ज किया है साथ ही अर्जुन के एक अन्य साथी लाभचंद उर्फ बंटी कुम्हार निवासी बघाना जिसके पास अर्जुन की बाईक थी उसे भी सह आरोपी बनाया गया है।
हाई प्रोफाईल लीलादेवी हत्याकांड का खुलासा करने में थाना प्रभारी पुष्या चौहान, उप निरीक्षक असलम पठान, सायबर प्रभारी प्रदीप शिंदे, प्रधान आरक्षक श्रीपालसिंह, प्र.आ. आजादसिंह, प्र.आ. देवीलाल डिगा, प्र.आ. आदित्य गौड़, आरक्षक सर्वेश यादव, आरक्षक राजेश चौधरी, आरक्षक मनीष माली थाना रामपुरा, आरक्षक प्रहलाद गुर्जर, आरक्षक राजेश जाट, आरक्षक राहुल सोलंकी, आरक्षक आशुतोष शुक्ला, आरक्षक ओम प्रकाश पारगी, आरक्षक दशरथ मालवीय, आरक्षक कुलदीपसिंह, आरक्षक लखन प्रतापसिंह, आरक्षक मधुसुदन का उक्त मामले का 24 घंटे के भीतर खुलासा करने में सराहनिय कार्य रहा। जिन्हे पुलिस कप्तान अंकीत जायसवाल द्वारा प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया।