बेटी को रेफर की बोला तो आशा हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने पिता को पीटा पढ़े पूरी खबर….

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— नीमच कैंट थाने में डॉ. अभिषेक तिवारी व उनके कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत, पीडित ने कहा— न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लूंगा

नीमच। आशा हॉस्पिटल शास्त्री नगर नीमच में राजस्थान छोटीसादडी के समीप नाराणी गांव के रहने वाले एक दलित समाज के व्यक्ति के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। हॉस्पिटल में पीडित की बेटी भर्ती थी, उसे रैफर किए जाने की बोला तो अस्पताल का बिल भुगतान होने के बाद कर्मचारियों ने उसके साथ मारपीट की। इस संबंध में नीमच कैंट थाना व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई है और आशा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अभिषेक तिवारी व उनके कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।

मिली जानकारी के अनुसार विजेश पिता समरथ बावरी निवासी नाराणी तहसील छोटीसादडी जिला प्रतापगढ राजस्थान ने उसकी बेटी बाला को दिनांक 28 जून 2025 को आशा हॉस्पिटल शास्त्री नगर नीमच में भर्ती करवाया था। दिनांक 29 जून को आशा हॉस्पिटल के डॉ. अभिषेक तिवारी द्वारा बताया गया कि उसकी पुत्री की तबियत में सुधार है और कहा कि पुत्री की कल छुट्टी कर देंगे। दिनांक 30 जून को जब विजेश बावरी आशा हॉस्पिटल पहुंचा और डॉ. अभिषेक तिवारी से पूछा कि बेटी की तबियत कैसी है तो उनके द्वारा कहा गया कि आपकी बेटी की तबियत सही नहीं होकर उसकी तबियत सीरियस है तो मैरे द्वारा डॉ तिवारी से कहा गया कि मेरी बेटी की तबियत सही नहीं है तो उदयपुर रेफर कर दो तो डॉ. तिवारी द्वारा उदयपुर रैफर करने से मना कर दिया और बोले कि पहले अस्पताल का बिल जमा करवाओ और 13 हजार रूपए का बिल दे दिया। 30 जून को 2025 को शाम 4 बजकर 29 बजे फोन के जरिए 13 हजार रूपए का आनलाइन भुगतान किया गया। जैसे ही पैमेंट जमा करवाया तो 8—9 कर्मचारी उसे जबरन एक कमरे में खींचकर ले गए और जातिसूचक गाली गलौच करते हुए तू नीच जात के, तेरी छोरी को यहां से रेफर क्यों करवा रहा है। हम अच्छा इलाज करेंगे। लात—घूसों से मारपीट की गई। मारपीट से विजेश बावरी को कंधे, फसलियों में चोंटे आई है। बाद धक्का देकर बाहर निकाल दिया औरबोले कि तू नीच जात के अब दोबारा मत आना। बाद में जब पुलिस को शिकायत की गई तो आनन—फानन में उसकी बेटी को उदयपुर रेफर कर दिया और वर्तमान में उसकी बेटी का उपचार उदयपुर में चल रहा है। पीडित विजेश बावरी ने एसपी से गुहार लगाई है और कार्रवाई की मांग की है। कहा कि अगर डॉक्टर व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगा। यह पूरी घटना हॉस्पिटल में लगे कैमरों में देखी जा सकती है।

रसूख के दम पर डॉ. दबा सकता है मामला—

कुछ माह पूर्व ही डॉ. अभिषेक तिवारी ने चौधरी हॉस्पिटल से अलग होकर आशा हॉस्पिटल नीमच शहर के शास्त्री नगर में खोला है। मरीजों को जबरन रखने व उनके परिजनों के साथ मारपीट का मामला सामने आने के बाद इसे दबाने के प्रयास में भी जुट गए है। अभी तक डॉ. अभिषेक तिवारी व उनके कर्मचारियों पर पुलिस कैंट थाना द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में रसूख के दम पर मामला दबाने की आशंका भी पीडित ने जताई है।

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