भ्रष्टाचार का बोल बाला, मोहन सरकार के राज में राजस्व सरकार को लगा रहे 100 करोड़ से भी अधिक की चपत, अधिकारियों की लापरवाही कहे या मिलीभगत पढ़े खबर….

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नीमच। नीमच जिले में एक ऐसा मामला सामने आ रहा है। जिस में शराब माफिया गिरोह द्वारा अवैध तरीके से 58 शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं। जिस में राजस्व सरकार को 100 करोड़ों रुपए का न नुकसान हो रहा है।
फरियादी वर्मा ने जिला पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल को लिखित आवेदन 25/06/25 को शिकायत कर अवगत कराया गया है।
जिस में बताया गया है कि आबकारी विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार जिले में शराब की 53 दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। जब की 58 शराब की दुकानें अवैध तरीके से चलाई जा रही है। जिस में प्रशासन के उच्च अधिकारी आंख मूंद कर बैठे दिखाई दे रहे है।
बता दे कि मध्य प्रदेश शासन को एक वित्त वर्षों 132करोड़ की ड्यूटी प्राप्त होती है। नीमच जिले के कई ग्रामीण वह शहरी इलाके में 58 से भी ज्यादा दुकानें होने की सूचना मिली है। जिस में भादवा माता, झंझारवाड़ा ,सहित अन्य इलाके शामिल हैं। 24 शराब की अवैध दुकानों की सूची गूगल मैप के साथ प्रस्तुत की गई है। जिस की निष्पक्ष रूप जांच कराई जानी चाहिए।

सूत्रों की बात माने तो शराब कारोबारी के द्वारा कई वर्षों से अवैध रूप से शराब कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। जिस पर प्रशासन के उच्च अभिकारी आंख मूंद के बैठे दिखाई दे रहे हैं। शराब कारोबारी के गिरोह द्वारा प्रशासन की मिली भगत से चलने का मामला भी सामने आ रहा है। जिस में अधिकारी द्वारा अपनी जेब गर्म कर शासन को 100 करोड़ से भी अधिक की चपत लगने हुआ दिख रहे हैं।

आबकारी अधिकारी,वह पुलिस प्रशासन के द्वारा 2 बोतल कच्ची शराब ले जाने वाले व्यक्तियों पर 34/2 का प्रकरण बना दिया जाता है।
जब की खुले चल रही 58 शराब की दुकानों पर कोई कारवाही नहीं जाता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन के उच्च अभिकारी द्वारा शराब कारोबारी के गिरोह पर जांच कर कारवाही करेगी या केवल लीपा पोती का कम करेगी। यह तो समय ही बताएगा।

प्रशासन पर उठे सवाल
निष्पक्ष कारवाही करने वाले जिला अधीक्षक अंकित जायसवाल शराब के अवैध कारोबार पर रोक लगा पाएंगे। या यह शिकायत महज एक कागज का टुकड़ा बन कर रहा जाएगा।

जब इस विषय में पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल से बात करनी चाही।पर संपर्क नहीं हो पाया।

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