सुर्खियों में रहने वाली जावद नगर परिषद बनी भ्रष्टाचार का अड्डा पढ़े पूरी खबर…

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जावद। सुर्खियों में रहने वाली जावद नगर परिषद इन दिनो भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।कुछ नही मिला तो अवैध लाभ कमाने के लिए आरक्षण दुकानों का नामांतरण तक कर दिया। वेसे भी देखा जाए तो वर्तमान नगर परिषद द्वारा यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे ही कई संगीन मामले सामने आ चुके हे। अगर देखा जाए तो नगर परिषद द्वारा अपने चहते को सीसी रोड का ठेका दे दिया और उन्ही चहते ठेकेदारो द्वारा नगर में सीसी रोड का घटिया निर्माण किया जो रोड की गिटिया निकल कर बाहर आ गई। लोगों की बात माने तो नगर परिषद द्वारा भ्रष्टाचार का खेल खुले आम चल रहा हे। वहीं दूसरी और एक एसा मामला नगर परिषद द्वारा सामने आया है जो नगर परिषद द्वारा निर्मित आरक्षित दुकानें अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के खाते में थी नियम, कानुन को ताख में रखते हुए नगर परिषद ने ओबीसी /जनरल वर्ग को नामांतरण कर दी गई। सूत्रो की माने तो ऐसा कोई नियम नहीं हैं कि आरक्षण की दुकानों को अन्य वर्ग में हस्तानांतरण किया जा सके।

क्या हे पूरा मामला
जावद नगर परिषद द्वारा 11 दुकानों का नामांतरण परिवर्तन किया गया। पंडित दीनदयाल कॉम्प्लेक्स में निर्माणाधिन दुकान नंबर 8 जो पप्पूलाल पिता मदनलाल भील की थी जिसे अशोक ओमप्रकाश पिता सत्यनारायण सेन के नाम पर कर दी। वहीं बावल रोड पर स्थित जिला सरकारी बैंक के पास बंशीलाल पिता माधुलाल मेघवाल दुकान नंबर 19 थी जिसे भेरूलाल पिता राम लाल धाकड के नाम हस्तानांतरण कर दिया गया। नियम की माने तो 2016 के अंतर्गत आरक्षण में किरायेदारी हस्तातरण करने का कोई प्रावधान नहीं हे। नगर परिषद द्वारा चलाई जा रही मनमानी से नगर परिषद आए दिन सुर्खियों में बनी रहती हे। वही देखा जाए तो नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन नही मिलता है जिससे कर्मचारी भी परेशान है क्योकी कर्मचारी समय पर व्यापारियों को भुगतान नही कर पाते है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जागरूक लोगों ने नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा को लिखित में शिकायत कर अवगत कराया गया हैं वही अब देखना ये है कि जिला कलेक्ट जावद नगर परिषद पर कोई कार्यवाही करेगे या यह महज एक कागज का टुकड़ा बन कर रह जाएगा।

इनका कहना हे
नामांतरण के लिए जो भी कदम उठाए गए हे वह नियमों को रख कर उठाए गए हे। वह परमिशन लेकर नामांतरण किया गया हे।
नगर परिषद अध्यक्ष सोहन माली

इस विषय में जब नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जगजीवन शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया और वहां अध्यक्ष सोहन माली से बात करो वही कुछ बता पाएंगे।

ऐसे कई विभिन्न मामले है जिस पर अभी तक कोई जांच नहीं हुई है। दुर्भाग्य की बात यह हे कि जिनको जनता की जन समस्या हल करने के लिए चुना गया है वही जनता की जनसमस्या हल करने की बजाये अपना उल्लू सीधा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
क्या प्रशासन का डंडा केवल गरीबो के लिए ही रह गया। वहीं सत्ताधारी नेताओं के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती है।
क्या जिला कलेक्टर इन पर कोई कार्यवाही कर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगे पूछती है जनता।

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